दुर्गा माता के नव स्वरूप(पांचवा स्वरूप) (मातृ स्वरूप)

  • स्कन्ध का मतलब भगवान कार्तिकेय की माता है, इसलिए यह स्वरूप स्कन्ध माता के स्वरुप से कहा जाता है।
  • दुर्गा माता का यह स्वरूप मातृ स्वरूप है, हम सब की माँ है।
  • कला और विज्ञान (Arts and Science) इन्ही से उत्पन्न हुए है।

श्री देवी सूक्तम स्त्रोत में माता के इस स्वरुप की झलक:

१) या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

अर्थात्

जो देवी सबकी माता के रूप में स्थित है, वो देवी को हम नमस्कार, नमस्कार और निरंतर नमस्कार कर रहे है।

२) या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

अर्थात्

जो देवी सबमें बुद्धि के रूप में स्थित है, वो देवी को हम नमस्कार, नमस्कार और निरंतर नमस्कार कर रहे है।

2 thoughts on “दुर्गा माता के नव स्वरूप(पांचवा स्वरूप) (मातृ स्वरूप)

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