Tag: #navratri2022
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नवरात्रि
माँ..माँ जो मूल प्रकृति है,माँ जो जगजननी है,माँ जो शक्ति है,माँ जो सर्जन शक्ति है। माँ..जिनकी आराधना का पर्व आया है,पहले तीन दिन माँ काली की आराधना करनी है,दूसरे तीन दिन माँ लक्ष्मी की आराधना करनी है,आख़िरी तीन दिन माँ सरस्वती की आराधना करनी है। नवरात्रि की हार्दिकशुभकामनाएं। अन्य रचनाएं भी पढ़ें: त्रिदेवी की आराधना का पर्व…
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त्रिदेवी की आराधना का पर्व
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। नवरात्रि का पर्व आया है,नवदुर्गा शक्ति का पर्व आया है। भक्ति के रंग में डुबना है,आध्यात्मिक विकास करना है। त्रिदेवी की आराधना में खुद को खो देना है,त्रिदेवी की आराधना से खुद को संवारना है। खुद के दु:खों से उपर उठना है,खुद में प्रसन्नता को ढूंढना है। काली स्वरूप तमस का प्रतीक…
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संस्कृत श्लोक अर्थ सहित (4) #नवरात्रि #दुर्गा #सिद्धीदात्री
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ।। अर्थात्: आप सभी कार्यों में मंगल प्रदान करनेवाली हो, भक्त का कल्याण करने वाली हो, सभी पुरुषार्थ ( धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को साधने वाली हो, भक्त को शरण देने वाली गौरी हो। तीन नेत्रों वाली, हे नारायणी! आप को हम नमन करते हैं। दुर्गा का नौवा स्वरूप सिद्धीदात्री है। हमें सभी…
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दुर्गा माता के नव स्वरूप
पहला स्वरूप – शैलपुत्री दूसरा स्वरूप – ब्रह्मचारीणी तीसरा स्वरूप – चंद्रघंटा (सुंदरता और निर्भयता का स्वरूप) चौथा स्वरूप – कूष्माण्डा पांचवा स्वरूप – स्कन्ध माता (मातृ स्वरूप) छठा स्वरूप – कात्यायनी (अंतरज्ञान चेतना का स्वरूप) सातवां स्वरूप – कालरात्रि आठवां स्वरूप – महागौरी नौवा स्वरूप – सिद्धीदात्री
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देवी मंत्र / MANTRA for GODDESS (Reblog with a slight modification)
ॐ आनंदमयी चैतन्यमयी सत्यमयी परमे।अर्थात्:हे माँ, तुम आनंद का स्रोत हो, तुम चेतना का स्रोत हो,और तुम सत्य का स्रोत हो, तुम ही सर्वोच्च हो। सच्चिदानंद, यह संस्कृत शब्द का भी ध्यान किया जाता है, सच्चिदानंद का अर्थ “सत”, “चित”, “आनंद” होता है। सत का अर्थ सत्य, अस्तित्व होता है।चित का अर्थ चेतना होता है।आनंद…
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सरस्वती द्वादश नामावली अर्थ सहित (सरस्वती देवी के १२ नाम)
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रथमं भारती नाम द्वितीयं च सरस्वती।तृतीयं शारदा देवी चतुर्थं हंसवाहिनी।। पंचमं जगतीख्याता षष्ठं वागीश्वरी तथा।कौमारी सप्तमं प्रोक्ता अष्ठमं ब्रह्मचारिणी।। नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी।एकादशं चंद्कांति द्वादशं भुवनेश्वरी।। ब्राह्या: द्वादश नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्तर:।जिह्वाग्रे वसते नित्यं ब्रह्मारूपा सरस्वती।। १२ नाम के अर्थ: १) भारती – वाणी की देवी २) सरस्वती –…