पहला स्वरूप – शैलपुत्री
दूसरा स्वरूप – ब्रह्मचारीणी
तीसरा स्वरूप – चंद्रघंटा (सुंदरता और निर्भयता का स्वरूप)
चौथा स्वरूप – कूष्माण्डा
पांचवा स्वरूप – स्कन्ध माता (मातृ स्वरूप)
छठा स्वरूप – कात्यायनी (अंतरज्ञान चेतना का स्वरूप)
सातवां स्वरूप – कालरात्रि
आठवां स्वरूप – महागौरी
नौवा स्वरूप – सिद्धीदात्री