
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।
अर्थात्
हे गोविन्द, आपका ही सब दिया हुआ है, जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं,
हे परमेश्वर, आपके मुख के सामने जो भी है, उसे प्रसन्नता से ग्रहण करें।
अन्य संस्कृत ब्लॉग:
#संस्कृत #योग / SANSKRIT QUOTES WITH MEANING (3)
अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य मंत्र (Surya Mantra for Good Health)
आत्मज्ञान का एक विचार/ The idea of Enlightenment
देवी मंत्र (ध्यान के लिए)/Goddess Mantra (For Meditation)

Amazon Link: Jivan Ke Shabd
जय हो लड्डू गोपाल 💖
☺️🙏🙏
Wow
☺️
Mera Mujh Mai Kuch Nahi, Jo Kuch Ho Tor,
Tera Tujhko Saupta, Kya Laage Hai Mor
😊
Bilkul sahi kaha😊