हमारी शक्ति का स्रोत [संस्कृत श्लोक- (5)]

जब हम दुनियादारी की स्वार्थ वृति से टूट जाए, तब हमें यह श्लोक निस्वार्थ वृति को फैलाने की शक्ति देता है। हमें कभी अकेला महसूस नहीं होने देगा, गर विश्वास है तो ईश्वर हमारे साथ ही है क्योंकि वह हमारे भीतर ही है, हमें ही भीतर देखना है। यह श्लोक का अर्थ हम सभी को... Continue Reading →

#श्री कृष्ण श्लोक #माधव #Shri Krishna shloka #Madhav

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिं।यत्कृपा तमहं वन्दे परमानंद माधवम्।। भावार्थ: श्री कृष्ण की कृपा से जो गूंगे होते है वो भी बोलने लगते हैं, जो लंगड़े होते है वो पहाड़ों को भी पार कर लेते हैं। उन परम आनंद स्वरूप माधव की मैं वंदना करती हूं। Translation in English: Mukam karoti vaacaalam pangum langayate... Continue Reading →

संस्कृत श्लोक अर्थ सहित (4) #नवरात्रि #दुर्गा #सिद्धीदात्री

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ।। अर्थात्: आप सभी कार्यों में मंगल प्रदान करनेवाली हो, भक्त का कल्याण करने वाली हो, सभी पुरुषार्थ ( धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को साधने वाली हो, भक्त को शरण देने वाली गौरी हो। तीन नेत्रों वाली, हे नारायणी! आप को हम नमन करते हैं। दुर्गा का नौवा स्वरूप सिद्धीदात्री है। हमें सभी... Continue Reading →

नैवेद्य मंत्र अर्थ सहित (1) (कृष्ण भगवान को भोग लगाने का मंत्र)

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।। अर्थात् हे गोविन्द, आपका ही सब दिया हुआ है, जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं,हे परमेश्वर, आपके मुख के सामने जो भी है, उसे प्रसन्नता से ग्रहण करें। अन्य संस्कृत ब्लॉग: उपनिषद वचन #संस्कृत #योग / SANSKRIT QUOTES WITH MEANING (3) अच्छे स्वास्थ्य के लिए... Continue Reading →

कृष्ण रस

उपनिषद में रस के बारे में कहा गया है, रसो वै स:।अर्थात्वह परमात्म तत्व रस स्वरूप है। कृष्ण यानी प्रेम, आनंद और शृंगार रस से ओतप्रोत।कृष्ण यानी अनंत आनंद स्वरूप।कृष्ण रस से अद्भुत रस कोई भी नहीं है। कृष्ण के नाम और अर्थ: कृष्ण -  सबको अपनी और आकर्षित करने वाला।मोहन - सम्मोहित करने वाला।मनोहर... Continue Reading →

शिव पंचाक्षर स्तोत्र (५ अक्षर: नमः शिवाय)

स्तोत्र को पढ़ने से पहले, हमे इस स्तोत्र की पूर्व भूमिका को समझना पड़ेगा, तो ही हम अच्छी तरह से शिव स्तोत्र समझ पाएंगे। शिव पंचाक्षर स्तोत्र, शिव पंचाक्षर मंत्र से आधारित है। शिव पंचाक्षर मंत्र- नम: शिवाय। हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है, पृथ्वी, जल,अग्नि, वायु और आकाश। शिव मंत्र के पांच अक्षर,... Continue Reading →

दीपावली की शुभकामनाएं #संस्कृत प्रार्थना

प्रार्थना:-असतो मा सदगमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योमामृतम् गमय।ॐ शांति शांति शांति।।अर्थात्हमको असत्य से सत्य की ओर ले चलों।अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलों।मृत्यु से अमरता की ओर ले चलों।ॐ शांति शांति शांति।।दीपावली मतलब प्रकाश का पर्व, हम यह प्रार्थना करके अपने अंदर ज्योति प्रगटाए और सिर्फ बहार ही प्रकाश का अनुभव न करकर, अपने भीतर भी... Continue Reading →

दुर्गा माता के नव स्वरूप (दूसरा स्वरूप)

ब्रह्म का अर्थ अनंत, ब्रह्मांड (चेतना) है और चारीणी का अर्थ आचरण में लाना है मतलब जिन्होंने ब्रह्म की प्राप्ति की है। यह स्वरूप पूर्ण ज्योर्तिमय स्वरूप है। श्री देवी सूक्तम स्त्रोत में एक पंक्ति है, जो ब्रह्मचारीणी स्वरूप की झलक दे जाती है। या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। अर्थात् जो देवी... Continue Reading →

गणेश विसर्जन मंत्र और संदेश

यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय पार्थिवीम।इष्टकामप्रसिद्य्दयर्थ पुनरागमनाय च।। मंत्र का अर्थ:- हे भगवान गणेश, आपकी हम एक मूर्ति के (पार्थिव) स्वरुप में पूजा कर रहे हैं, मुझ पर कृपा करके, मेरे प्रसाद को स्वीकार करे और मुझे आशीर्वाद दे कि मेरी इच्छाएं पूरी हो और आप अगले बरस जल्दी फिर से आना। विसर्जन प्रथा में छिपा... Continue Reading →

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