Tag: #sanatandharm
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चैत्र नवरात्रि #नववर्ष
चैत्र नवरात्रि का पर्व आया है,नववर्ष लेकर आया है। नववर्ष खुशियां लेकर आये,नववर्ष सुख-शांति लेकर आये,नववर्ष उत्तम स्वास्थ्य लेकर आये,यही शुभकामनाएं देना चाहुंगी। चैत्र नवरात्रि भक्ति के रंग में डुबे,नवदुर्गा की आराधना में समय बिते,आध्यात्मिक प्रगति में समय बिते,यही शुभकामनाएं देना चाहुंगी। अन्य रचनाएं भी पढ़ें: नवरात्रि त्रिदेवी की आराधना का पर्व दुर्गा माता के नव स्वरूप…
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शाकंभरी जयंती महत्व – कविता
शाकंभरी नवरात्रि का पर्व आता है तब दुर्गा देवी के शाकंभरी रूप की आराधना की जाती है। इस साल शाकंभरी नवरात्रि पौष मास की शुक्लपक्ष की अष्टमी (30 दिसम्बर, 2022) से आरंभ हुई थी और आज पौष मास की पूर्णिमा (6 जनवरी, 2023) को पूर्ण होंगी। पौष पूर्णिमा के दिन शाकंभरी जयंती मनायी जाती है।…
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नागपंचमी का आध्यात्मिक महत्व
नागपंचमी का पर्व आया है,सावन शुक्ल पक्ष आया है। हम नागदेव की पूजा तो करते है,पर पूजा का महत्व ओर बढ़ा सकते है,जब हम आध्यात्मिक महत्व जान लेते है। सभी जीवों का महत्व है ब्रह्मांड में,यही बताया गया है सनातन धर्म में। नाग को देव माना गया हैक्योंकि हम देखे इस जीव को मान-सम्मान से,ना…
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Sketch
I made this lord Hanuman’s sketch. It is my very first effort to draw. I would love to hear from you. Kindly share your views. Lord Hanuman is a symbol of courage.Let’s get inspired to lead our life by being fearless. Other Blogs on lord Hanuman: હનુમાન ભગવાનના ૧૨ નામ અને અર્થ (हनुमान भगवान के…
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हमारी शक्ति का स्रोत [संस्कृत श्लोक- (5)]
जब हम दुनियादारी की स्वार्थ वृति से टूट जाए, तब हमें यह श्लोक निस्वार्थ वृति को फैलाने की शक्ति देता है। हमें कभी अकेला महसूस नहीं होने देगा, गर विश्वास है तो ईश्वर हमारे साथ ही है क्योंकि वह हमारे भीतर ही है, हमें ही भीतर देखना है। यह श्लोक का अर्थ हम सभी को…
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#श्री कृष्ण श्लोक #माधव #Shri Krishna shloka #Madhav
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिं।यत्कृपा तमहं वन्दे परमानंद माधवम्।। भावार्थ: श्री कृष्ण की कृपा से जो गूंगे होते है वो भी बोलने लगते हैं, जो लंगड़े होते है वो पहाड़ों को भी पार कर लेते हैं। उन परम आनंद स्वरूप माधव की मैं वंदना करती हूं। Translation in English: Mukam karoti vaacaalam pangum langayate…
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संस्कृत श्लोक अर्थ सहित (4) #नवरात्रि #दुर्गा #सिद्धीदात्री
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ।। अर्थात्: आप सभी कार्यों में मंगल प्रदान करनेवाली हो, भक्त का कल्याण करने वाली हो, सभी पुरुषार्थ ( धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को साधने वाली हो, भक्त को शरण देने वाली गौरी हो। तीन नेत्रों वाली, हे नारायणी! आप को हम नमन करते हैं। दुर्गा का नौवा स्वरूप सिद्धीदात्री है। हमें सभी…
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नैवेद्य मंत्र अर्थ सहित (1) (कृष्ण भगवान को भोग लगाने का मंत्र)
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।। अर्थात् हे गोविन्द, आपका ही सब दिया हुआ है, जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं,हे परमेश्वर, आपके मुख के सामने जो भी है, उसे प्रसन्नता से ग्रहण करें। अन्य संस्कृत ब्लॉग: उपनिषद वचन #संस्कृत #योग / SANSKRIT QUOTES WITH MEANING (3) अच्छे स्वास्थ्य के लिए…