प्रथमं भारती नाम द्वितीयं च सरस्वती।
तृतीयं शारदा देवी चतुर्थं हंसवाहिनी।।
पंचमं जगतीख्याता षष्ठं वागीश्वरी तथा।
कौमारी सप्तमं प्रोक्ता अष्ठमं ब्रह्मचारिणी।।
नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी।
एकादशं चंद्कांति द्वादशं भुवनेश्वरी।।
ब्राह्या: द्वादश नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्तर:।
जिह्वाग्रे वसते नित्यं ब्रह्मारूपा सरस्वती।।
१२ नाम के अर्थ:
१) भारती – वाणी की देवी
२) सरस्वती – ज्ञान की देवी
३) शारदा देवी – सभी शिक्षा की देवी
४) हंसवाहिनी – जिनका वाहन हंस है
५) जगतीख्याता – दुनिया को प्रसिद्धि देनेवाली देवी
६) वागीश्वरी – वाणी की रानी होना जैसे ( जिह्वा पे सरस्वती का होना)
७) कौमारी – कुवारिका का स्वरूप
८) ब्रह्मचारिणी – देवी जिसने ब्रह्म की प्राप्ति की है
९) बुद्धिदात्री – आध्यात्मिक बुद्धि देनेवाली देवी
१०) वरदायिनी – वरदान देने वाली देवी
११) चंद्कांति – चंद्र की चमक जैसी चमक वाली, ज्ञान के तेज से ओतप्रोत आभा वाली
१२) भुवनेश्वरी – एसी देवी जो सर्वोच्च देवी है
जो भी कोई यह नामावली का त्रिसंध्या पठन करेगा, उस के जिह्वा पर ब्रह्मारूपा सरस्वती का सदा वास होगा।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
Namah Tam Devi ! I believe I have read this Stuti in my childhood. Thanks for bringing these gems 🙏
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It’s my pleasure 😊😊
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namah
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🙏🙏
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jay hos
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Jai Saraswati Maa ki🙏
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सुंदर ज्ञान।
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खूब खूब धन्यवाद आपका 😊
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Bahut acchi jaankari hai.
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Thank you so much 😊
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Informative
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Thank you 😊
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Your Welcome☺️
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