दुर्गा माता के नव स्वरूप(पांचवा स्वरूप) (मातृ स्वरूप)

स्कन्ध का मतलब भगवान कार्तिकेय की माता है, इसलिए यह स्वरूप स्कन्ध माता के स्वरुप से कहा जाता है। दुर्गा माता का यह स्वरूप मातृ स्वरूप है, हम सब की माँ है। कला और विज्ञान (Arts and Science) इन्ही से उत्पन्न हुए है। श्री देवी सूक्तम स्त्रोत में माता के इस स्वरुप की झलक: १)... Continue Reading →

दुर्गा माता के नव स्वरूप ( चौथा स्वरूप)

हम "कूष्माण्डा" शब्द की संधि विच्छेद करेंगे,"कू" का अर्थ है "कुछ", "उष्मा" का अर्थ है "ताप" और "अंडा" का अर्थ है "ब्रह्मांड" मतलब थोड़ी ही उष्मा से पूरे ब्रह्मांड को उत्पन्न किया, इसलिए यह स्वरूप कूष्माण्डा के नाम से जाना जाता है। माता ने ब्रह्मांड को अपने मंद हास्य से उत्पन्न किया था इसलिए यह... Continue Reading →

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