January 4, 2020 Harina Pandya हाइकु काव्य रचना (3) मन ही मन,क्यों सोचता रहेता,कर के दिखा। Share this:TweetWhatsAppLike this:Like Loading...
योग: कर्मसु कौशलम् (कुशलता से कर्म करना ही योग है।) आपने कर्मयोग कहा तो मूझे ये याद आ गया।☺️ Loading... Reply
Wah… Karmayog…
Thank you 😊😊
योग: कर्मसु कौशलम् (कुशलता से कर्म करना ही योग है।)
आपने कर्मयोग कहा तो मूझे ये याद आ गया।☺️
Bahut khoob
बहुत बहुत धन्यवाद 😊
Bahut sundar… Karm hi pooja hai..
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