सभी को शनि जयंती की शुभकामनाएं।
१० नामः
कोणस्थ – सौरमंडल में सूर्य से छठे स्थान में स्थित है, बीच में है इसलिये कोणस्थ कहा गया है।
पिंगल- गहरे नीले रंग के है।
बभ्रु – स्वभाव क्रोधी है इसलिये अग्नि समान कहा गया है।
कृष्ण – गहरे रंग से काले भी दिखाई देते है ।
रौंद्रान्तक – मृत्यु रूप, दंड रूप
यम – काल रूप
सौरि – सूर्य के पुत्र
शनैश्वर – धीमी गति से चलने वाले।
मंद – वक्र दृष्टि (कुदृष्टि)
पिप्पलाद – पौराणिक कथा के अनुसार पीपल के पेड़ को पानी देने से शनि के बुरे प्रभाव कम होते है।
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