चलते चलते कितना सुहाना सफ़र हो गया,
हर मेरी जरूरतों को तुमने बिना कहे पूरा किया।
मेरे हर कार्य को तुमने आसान किया,
मेरे हर जज़्बात को तुमने समझा।
हर मुश्किल का एक साथ मिलकर सामना किया,
हर धूप छांव में एक-दुसरे का साथ निभाया।
मुश्किल हालातों में एक-दुसरे का हौसला बढ़ाया,
मुश्किल हालातों को हंसते- हंसते निभाया।
पति-पत्नी के रिश्ते को प्यार से निभाया,
एक-दुसरे के दोस्त बनकर निभाया।
जीवन में खुशीयां लुटते गए,
जीवन को हंसते- हंसते जीते गए।
हमारा सुहाना सफ़र,
रुह को सुकूँन के पल दे गया।
हमारा सुहाना सफ़र,
मन को उमंग के पल दे गया।
हमारा साथ इश्वर की भेंट है,
बस यही गुज़ारिश है;
यूँ ही चलता रहे हमारा सुहाना सफ़र।
2 responses to “सुहाना सफ़र”
Wah wah…. Bahut sundar likha hai apne…
Thank you very much.. so so glad that you liked it☺️☺️