विचारों को आत्मसात करना

“आपने जो भी पढ़ा है उसमें से यदि पाँच विचारों को भी अगर आत्मसात किया है और उससे अपना चरित्र निर्माण किया है, जीवन में उतारा है तो आपके पास किसी भी ऐसे व्यक्ति की तुलना में अधिक ज्ञान है, जिसने क्यों न पूरे पुस्तकालय का ज्ञान भी कंठस्थ कर लिया हो।”

-स्वामी विवेकानंद

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