तूने जीने का सलीका सिखा दिया

प्रेम के जज़्बात को समझने का
सलीका सिखा दिया तूने।

प्रेम शब्दों का मोहताज नहीं,
यह सिखा दिया तूने।

शब्दों की उलझन में न रहकर
नज़रअंदाज करना सिखा दिया तूने।

रिश्तों को ख़ूबसूरती से जीने का
सलीका सिखा दिया तूने।

जब स्नेह अतूट होता है,
तब शब्द मायने नहीं रखते है।

प्रेम शब्दों का मोहताज नहीं,
यह सिखा दिया तूने।

ए मेरे हमसफ़र,
तूने जीने का सलीका सिखा दिया।

9 responses to “तूने जीने का सलीका सिखा दिया”

  1. सब कुछ सिखा दिया इसलिए तो हमसफ़र चुन लिया
    बेहद खुबसूरत दीदी💕🤗

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