
प्रेम के जज़्बात को समझने का
सलीका सिखा दिया तूने।
प्रेम शब्दों का मोहताज नहीं,
यह सिखा दिया तूने।
शब्दों की उलझन में न रहकर
नज़रअंदाज करना सिखा दिया तूने।
रिश्तों को ख़ूबसूरती से जीने का
सलीका सिखा दिया तूने।
जब स्नेह अतूट होता है,
तब शब्द मायने नहीं रखते है।
प्रेम शब्दों का मोहताज नहीं,
यह सिखा दिया तूने।
ए मेरे हमसफ़र,
तूने जीने का सलीका सिखा दिया।
9 responses to “तूने जीने का सलीका सिखा दिया”
wow congrats
Thank you dear😊👍
no problem
सब कुछ सिखा दिया इसलिए तो हमसफ़र चुन लिया
बेहद खुबसूरत दीदी💕🤗
हा…सही बात है..😊
खूब खूब धन्यवाद🤗
Sundr ati sundr
😍🤗🤗
Arrrrr क्या बात
तहे दिल से शुक्रिया😊