
दिल की खुशी
मुस्कान बनकर,
छलकती है।
दिल की खुशी
मुस्कान बनकर,
छलकती है।
जब कोई कार्य हमारा मनपसंद होता है तब हम वह कार्य करने में खो जाते है, हमें दिल से आनंद मिलता है। उस कार्य को करने में चाहे कितनी भी बाधा आए, हम निराश नहीं होते, हर अवरोध का सामना करते है। जीवन में कुछ परेशानी हो तो भी उस वक्त वह याद नहीं आती।
मनचाहा कार्य करने से मन प्रफुल्लित हो जाता है, हम तरोताज़ा हो जाते है, मन सकारात्मक शक्ति से भर जाता है। हमें परेशानियों से निपटने का जोश मिल जाता है। कई बार समस्या का समाधान भी जल्द मिल जाता है।
इसलिए अपनी दिनचर्या में कोइ एक एसा कार्य करे जिसे करने में आप को खुशी मिलती हो, आप उस में खो जाते हो। एसा करने से जीवन कभी बोझ नहीं लगेगा और मौज बन जाएगा। जीवन में जिम्मेदारियों के बीच भी ताल बना रहेगा और जीवन का आनंद ले पाएगे।
Other Blogs of Lord Shiva:
शिव पंचाक्षर स्तोत्र (५ अक्षर: नमः शिवाय)
You don’t get respect by begging,
You don’t get it by showing superiority;
You have to earn respect.
Earn respect by your nature and behaviour,
Earn respect for your thoughts and actions.
हिंदी अनुवाद:
मान-सम्मान मांगते रहने से नहीं मिलता है,
अपने मुंह से अपना बड़प्पन जताने से नहीं मिलता है;
मान-सम्मान कमाना पड़ता है।
अपने स्वभाव और व्यवहार से कमाना पड़ता है,
अपने विचार और आचरण से कमाना पड़ता है।
ગુજરાતી અનુવાદ:
માન-સન્માન માંગવાથી ન મળે,
પોતાની શ્રેષ્ઠતાની વાતો કર્યા કરવાથી ન મળે;
માન-સન્માન તો કમાવું પડે.
પોતાના સ્વભાવ અને વ્યવહારથી કમાવું પડે,
પોતાના વિચાર અને આચરણથી કમાવું પડે.
#ग़ज़ल
ज़िंदगी में जश्न का गीत गुनगुनाना है,
ग़मों की दास्तान सुनाना मन को भाता नहीं है।
जब खुद के ही सुर पा ले यह मन,
तब दूसरों से मिले ग़म की परवाह नहीं रहती है।
जब खुद की ही लय में झूम उठे यह दिल,
तब किसी से कोई फ़रियाद नहीं रहती है।
जब खुद की ताल पर ज़िंदगी को जीते है,
तब ज़िंदगी में जश्न का गीत गुनगुनाते है।
ज़िंदगी में जश्न का गीत गुनगुनाना है,
ग़मों की दास्तान सुनाना मन को भाता नहीं है।
दर्द में हो तो
खुशी का अभिनय,
क्यों करते हो?
आंखों से दर्द
छिप नहीं सकता,
बयां कर दो।
ગુરુ અને શ્રદ્ધા નો મહિમા દર્શાવતી ગઝલ: આધ્યાત્મિક ગઝલ
જ્યારથી શ્રદ્ધાની કૂંપળ ફુટી અંતરમાં જાણે!
ત્યારથી જિંદગીની ડાળી પર કળી ખીલી ઉઠી જાણે!
જ્યારથી આધ્યાત્મિક પ્રગતિનો સૂર્યોદય થયો,
ત્યારથી શંકા- ગૂંચવણના વાદળ હટી ગયા જાણે!
જ્યારથી ગુરુનું શરણ પામી લીધું,
ત્યારથી ચિંતા આપમેળે જ છુટી ગઈ જાણે!
દ્રઢ વિશ્વાસ જો ખુદ પર હોય,
દરેક કાર્ય સરળ થઈ જાય જાણે!
પૂર્ણ શ્રધ્ધા જો ગુરુ પર હોય,
જીવન નૌકા ડૂબે નહીં જાણે!
हिंदी में ग़ज़ल:
गुरु और श्रद्धा की महिमा दर्शाती हुई ग़ज़ल:आध्यात्मिक ग़ज़ल
जब से श्रद्धा की कोंपल भीतर में उगी है,
तब से ज़िदगी की कली खिल उठी है।
जब से आध्यात्मिक प्रगति का सुर्योदय हुआ,
तब से शंका- उलजनों के बादल चले गये है।
जब से गुरु की शरण मिल गई,
तब से चिंता अपनेआप चली गई है।
अगर दृढ़ विश्वास खुद पर हो,
हर कार्य आसान हो जाता है।
अगर पूर्ण श्रध्धा गुरु पर हो,
जीवन नौका डूबती नहीं है।
गुरु पर अन्य ब्लॉग:
गुरु का महत्व- संस्कृत श्लोक (पहला भाग)