आज का दिन देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है और आरोग्य के देवता धन्वंतरि से भी जुड़ा हुआ है। आज ही के दिन देवता धन्वंतरि प्रकट हुए थे, जो आयुर्वेद के देव है, इसे राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस भी कहा जाता है। इसीसे प्रेरणा लेकर मैंने स्वास्थ्य, धन, सुख, समृद्धि और इन सब के आध्यात्मिक दृष्टिकोण... Continue Reading →
जश्न का गीत
#ग़ज़ल ज़िंदगी में जश्न का गीत गुनगुनाना है,ग़मों की दास्तान सुनाना मन को भाता नहीं है। जब खुद के ही सुर पा ले यह मन,तब दूसरों से मिले ग़म की परवाह नहीं रहती है। जब खुद की ही लय में झूम उठे यह दिल,तब किसी से कोई फ़रियाद नहीं रहती है। जब खुद की ताल... Continue Reading →
हाइकु काव्य रचना (7)
दर्द में हो तोखुशी का अभिनय,क्यों करते हो? आंखों से दर्दछिप नहीं सकता,बयां कर दो।
ગુરુ પૂર્ણિમા નિમિત્તે વિશેષ ગઝલ (गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष ग़ज़ल)
ગુરુ અને શ્રદ્ધા નો મહિમા દર્શાવતી ગઝલ: આધ્યાત્મિક ગઝલ જ્યારથી શ્રદ્ધાની કૂંપળ ફુટી અંતરમાં જાણે!ત્યારથી જિંદગીની ડાળી પર કળી ખીલી ઉઠી જાણે! જ્યારથી આધ્યાત્મિક પ્રગતિનો સૂર્યોદય થયો,ત્યારથી શંકા- ગૂંચવણના વાદળ હટી ગયા જાણે! જ્યારથી ગુરુનું શરણ પામી લીધું,ત્યારથી ચિંતા આપમેળે જ છુટી ગઈ જાણે! દ્રઢ વિશ્વાસ જો ખુદ પર હોય,દરેક કાર્ય સરળ થઈ જાય જાણે!... Continue Reading →
सुहाना सफ़र
चलते चलते कितना सुहाना सफ़र हो गया,हर मेरी जरूरतों को तुमने बिना कहे पूरा किया। मेरे हर कार्य को तुमने आसान किया,मेरे हर जज़्बात को तुमने समझा। हर मुश्किल का एक साथ मिलकर सामना किया,हर धूप छांव में एक-दुसरे का साथ निभाया। मुश्किल हालातों में एक-दुसरे का हौसला बढ़ाया,मुश्किल हालातों को हंसते- हंसते निभाया। पति-पत्नी... Continue Reading →
कर्म (કર્મ)
कर्म कहता है….भाग्य के भरोसे बैठे मत रहो,वर्तमान में जीते हुए कर्म करो। कर्म कहता है….ग्रहो की स्थिति के भरोसे बैठे मत रहो,वर्तमान में जीते हुए मेहनत करो । ગુજરાતીમાં અનુવાદ: કર્મ કહે છે…ભાગ્યના ભરોસે બેસી ન રહીશ,વર્તમાનમાં જીવીને કર્મ કર. કર્મ કહે છે…ગ્રહોની સ્થિતિના જ ભરોસે બેસી ન રહીશ,વર્તમાનમાં જીવીને મહેનત કર.