
नागपंचमी का पर्व आया है,
सावन शुक्ल पक्ष आया है।
हम नागदेव की पूजा तो करते है,
पर पूजा का महत्व ओर बढ़ा सकते है,
जब हम आध्यात्मिक महत्व जान लेते है।
सभी जीवों का महत्व है ब्रह्मांड में,
यही बताया गया है सनातन धर्म में।
नाग को देव माना गया है
क्योंकि हम देखे इस जीव को मान-सम्मान से,
ना की नफ़रत व घृणा से।
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु,
(अर्थातः दुनिया में सभी सब प्रकार से खुश रहें)
इस विचारधारा को अपनाना है।
नफ़रत की भावना किसी के प्रति नहीं रखनी है,
बदले की भावना किसी के प्रति नहीं रखनी है,
प्रेम की भावना सब के प्रति रखनी है।
नागपंचमी का पर्व इसलिए मनाया जाता है,
क्योंकि हमे इस संदेश का अनुसरण करना है।