नागपंचमी का आध्यात्मिक महत्व

नागपंचमी का पर्व आया है,
सावन शुक्ल पक्ष आया है।

हम नागदेव की पूजा तो करते है,
पर पूजा का महत्व ओर बढ़ा सकते है,
जब हम आध्यात्मिक महत्व जान लेते है।

सभी जीवों का महत्व है ब्रह्मांड में,
यही बताया गया है सनातन धर्म में।

नाग को देव माना गया है
क्योंकि हम देखे इस जीव को मान-सम्मान से,
ना की नफ़रत व घृणा से।

लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु,
(अर्थातः दुनिया में सभी सब प्रकार से खुश रहें)
इस विचारधारा को अपनाना है।

नफ़रत की भावना किसी के प्रति नहीं रखनी है,
बदले की भावना किसी के प्रति नहीं रखनी है,
प्रेम की भावना सब के प्रति रखनी है।

नागपंचमी का पर्व इसलिए मनाया जाता है,
क्योंकि हमे इस संदेश का अनुसरण करना है।

Book Review – Meri Antim Yatra

मैं इस ब्लॉग में “मेरी अंतिम यात्रा” किताब के बारे में साझा करना चाहुंगी। यह किताब आशीष कुमार (ShankySalty) ने लिखी है। https://ashish05shanky.wordpress.com/

हमारी मृत्यु निश्चित है, यह सत्य हम जानते है पर समझते नहीं है। अगर हम यह सत्य की गहराई में जाये तो जीवन सार्थक हो सकता है। जीवन की बहुत सारी व्यथा से बच सकते है। जीवन को सही मायने में जी सकते है। कर्म और भक्ति से आध्यात्मिक प्रगति कर सकते है। यह किताब इसी बात पर प्रकाश डाल रही है। अंत में जो आखिरी इच्छा की बात हुई है, ऐसे विचार तारीफ़ के काबिल है। इस किताब को सभी को ज़रूर पढ़ना चाहिए और जिस सांसारिक पहलुओं की बात की गई है उस पर चिंतन अवश्य करना चाहिए।

पुस्तक की लिंक:
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गुरु पूर्णिमा

आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं|

गुरु पूर्णिमा पर मेरे पुराने ब्लॉगों के कुछ लिंक यहां दिए गए हैं।

गुरु का महत्व- संस्कृत श्लोक (पहला भाग)

गुरु के लिए नया नज़रिया दर्शाती हुई कविता! (दूसरा भाग)

भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरु (तीसरा भाग)

ગુરુ પૂર્ણિમા નિમિત્તે વિશેષ ગઝલ (गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष ग़ज़ल)

દત્તાત્રેય ગુરુની આરતી – સંસ્કૃત શબ્દોનું ગુજરાતીમાં અનુવાદ

ગુરુ એ જ આધાર

सेवाभावी कार्य

जैसे फूलों की महक
मन को प्रसन्न करती है,
वैसे अपने सेवाभावी कार्यो की महक से
दूसरों के मन को प्रसन्नता दे।

हाइकु काव्य रचना (9)

मनमौजी हूं
खुद में मगन हूं,
एसी ही हूं मैं।

ज़िंदादिल हूं
खुद के अंदाज़ से
चलती हूं मैं।

अन्य हाइकु काव्य रचनाएं

हाइकु काव्य रचना (1)

हाइकु काव्य रचना (2)

हाइकु काव्य रचना (3)

हाइकु काव्य रचना(4)

हाइकु काव्य रचना (5)

हाइकु काव्य रचना (6)

हाइकु काव्य रचना (7)

हाइकु काव्य रचना (8)

મજાક (मज़ाक)

हिंदी में अनुवाद:

मज़ाक के बहाने दूसरों की कमी निकालना, दूसरों के जज़्बात को ठेस पहुंचाना, नकारात्म्क शब्दों का प्रयोग करना, अपने मन की कुंठा प्रदर्शित करना ये उचित नहीं है। एसे वर्तन को मानसिक अस्थिरता कहते है।

मज़ाक का उद्देश्य आनंद फैलाना है, निराशा फैलाना नहीं है।