
हम मौज़ में,
तो जग भी मज़े में दिखेगा।
हम गम में,
तो जग भी दुःख में दिखेगा।
मन में बुरे विचार है,
तो जग भी बुरा दिखेगा।
जैसा हमारा भाव,
वैसा हमारा जग।
जैसी हमारी दृष्टि,
वैसी हमारी सृष्टि।
કવિતા નું સૌંદર્ય/ कविता का सौंदर्य लघुकाव्य-1
રાખ થઈ જાય સંબંધો / राख हो जाए रिश्तें लघुकाव्य-2
👌👌👌
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Thank you☺
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बेहद सुंदर और सत्य को दर्शाती हुई कविता 🌺😊
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