माँ..माँ जो मूल प्रकृति है,माँ जो जगजननी है,माँ जो शक्ति है,माँ जो सर्जन शक्ति है। माँ..जिनकी आराधना का पर्व आया है,पहले तीन दिन माँ काली की आराधना करनी है,दूसरे तीन दिन माँ लक्ष्मी की आराधना करनी है,आख़िरी तीन दिन माँ सरस्वती की आराधना करनी है। नवरात्रि की हार्दिकशुभकामनाएं। अन्य रचनाएं भी पढ़ें: त्रिदेवी की आराधना का पर्व... Continue Reading →
हाइकु काव्य रचना (9)
मनमौजी हूंखुद में मगन हूं,एसी ही हूं मैं। ज़िंदादिल हूंखुद के अंदाज़ सेचलती हूं मैं। अन्य हाइकु काव्य रचनाएं हाइकु काव्य रचना (1) हाइकु काव्य रचना (2) हाइकु काव्य रचना (3) हाइकु काव्य रचना(4) हाइकु काव्य रचना (5) हाइकु काव्य रचना (6) हाइकु काव्य रचना (7) हाइकु काव्य रचना (8)
#लघुकाव्य-6
हम मौज़ में,तो जग भी मज़े में दिखेगा। हम गम में,तो जग भी दुःख में दिखेगा। मन में बुरे विचार है,तो जग भी बुरा दिखेगा। जैसा हमारा भाव,वैसा हमारा जग। जैसी हमारी दृष्टि,वैसी हमारी सृष्टि। કવિતા નું સૌંદર્ય/ कविता का सौंदर्य लघुकाव्य-1 રાખ થઈ જાય સંબંધો / राख हो जाए रिश्तें लघुकाव्य-2 #લઘુકાવ્ય #लघुकाव्य – 3... Continue Reading →