मनमौजी हूंखुद में मगन हूं,एसी ही हूं मैं। ज़िंदादिल हूंखुद के अंदाज़ सेचलती हूं मैं। अन्य हाइकु काव्य रचनाएं हाइकु काव्य रचना (1) हाइकु काव्य रचना (2) हाइकु काव्य रचना (3) हाइकु काव्य रचना(4) हाइकु काव्य रचना (5) हाइकु काव्य रचना (6) हाइकु काव्य रचना (7) हाइकु काव्य रचना (8)
#लघुकाव्य-6
हम मौज़ में,तो जग भी मज़े में दिखेगा। हम गम में,तो जग भी दुःख में दिखेगा। मन में बुरे विचार है,तो जग भी बुरा दिखेगा। जैसा हमारा भाव,वैसा हमारा जग। जैसी हमारी दृष्टि,वैसी हमारी सृष्टि। કવિતા નું સૌંદર્ય/ कविता का सौंदर्य लघुकाव्य-1 રાખ થઈ જાય સંબંધો / राख हो जाए रिश्तें लघुकाव्य-2 #લઘુકાવ્ય #लघुकाव्य – 3... Continue Reading →