“स्वतंत्रता मनुष्य की परम इच्छा है, स्वतंत्रता में ही मनुष्य खिल सकता है, ध्यान करने से स्वतंत्रता पाएंगे।
स्वतंत्रता को तुम्हारा केन्द्र और प्रेम को तुम्हारी परिधि बन जाने दो और तुम एक संपूर्ण अस्तित्व हो जाओगे।”
ओशो
“स्वतंत्रता मनुष्य की परम इच्छा है, स्वतंत्रता में ही मनुष्य खिल सकता है, ध्यान करने से स्वतंत्रता पाएंगे।
स्वतंत्रता को तुम्हारा केन्द्र और प्रेम को तुम्हारी परिधि बन जाने दो और तुम एक संपूर्ण अस्तित्व हो जाओगे।”
ओशो
8 responses to “#प्रेम #स्वतंत्रता”
wonderful quote shared
Thank you for liking it..it is really so wonderful quote!
बहुत सुंदर वचन…👌
😊🙏🙏
Hi Harina…how r you! I loved your awesome thoughts….
Hiiiiii uncle..I am fine..thanks for your appreciation!
Beautiful sharing
😊😊