उलझनें – जीवन का हिस्सा

चलते रहिए, चलते रहिए
सारी उलझनों के साथ,
चलते रहिए।

करते रहिए, करते रहिए
अपने कार्य (कर्तव्य) करते रहिए।
चलते रहिए।

उलझनें तो जीवन का हिस्सा है,
उलझनों के साथ चलना,
सीखते रहिए।

उलझनें तो जीवन में अवसर है,
हमारी प्रगति का अवसर,
चलते रहिए।

रुकिए मत, रुकिए मत
गर उलझनों का सैलाब भी आ जाए,
चलते रहिए।

चलते चलते, धीरे धीरे
सारी उलझन, सुलझन में बदल जाएगी।
चलते रहिए।

8 thoughts on “उलझनें – जीवन का हिस्सा

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  1. “उलझनें तो जीवन का हिस्सा है,
    उलझनों के साथ चलना,
    सीखते रहिए।

    …चलते चलते, धीरे धीरे
    सारी उलझन, सुलझन में बदल जाएगी।
    चलते रहिए।”

    —–🌟🌟🌟🌟🌟—–

    Khayalo me khayal aatey…
    Par aapke yeh khayal toh
    Bemisaal-khayal hai…

    👍 Brilliant work

  2. बिल्कुल सही कहा। लाजवाब।👌👌
    उलझनें तो जीवन का हिस्सा है,
    उलझनों के साथ चलना,
    सीखते रहिए।

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