नैवेद्य मंत्र अर्थ सहित (1) (कृष्ण भगवान को भोग लगाने का मंत्र)
शर्करा-खण्ड-खाद्यानि दधि-क्षीर-घृतानि च ।
आहारम् भक्ष्य-भोज्यम् च नैवेद्यम् प्रति-गृह्यताम् ॥
अर्थात्:
शर्करा-खण्ड ,खाध पदार्थ दही, दूध, घी जैसी खाने की वस्तुओं से युक्त भोजन आप ग्रहण करें।
संस्कृत अन्नवर्ग शब्दावली:
शर्करा-खण्ड – बताशा आदि मिठाई
दधि – दही
क्षीर- दूध
घृत – घी

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