अंदाज़ है मेरा नया!

यह कविता जीवन में कुछ नया करने की चाहत महसूस हो या ज़रुरत महसूस हो, तब हमारे मन में जिस तरह के भाव उठते हैं, उसके बारे में है।

अब नया पन्ना खुलेगा,
मेरे जीवन की किताब में से।

पढ़ना है नया पन्ना,
नये रुप के साथ।

करना है नया,
लिखना है नया।

बोलना है नया,
जीना है नया।

मिलना है नये लोगों से,
देखने हैं नये नज़ारे।

जीवन का दूसरा पहलू है,
जिस में करना है सबकुछ नया।

पुराने समय से सीखकर,
अब जीना है नये समय में।

पुराने अनुभवों से सीखकर,
अब बनाने हैं नये अनुभव।

हूं मैं वही,
पर अंदाज़ है मेरा नया।

17 thoughts on “अंदाज़ है मेरा नया!

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  1. बहुत ही खूबसूरत कविता।👌👌

    जब भी होती शाम समझना,
    फिर से दिनकर निकलेगा।

    जीवन है एक ग्रन्थ,
    हर एक पन्नो में नई कहानी है,
    एक पन्ने में बन्धन,
    दूजे में फिर भरी रवानी है।

    1. वाह! बेहद सुंदर शब्द!

      जब भी होती शाम समझना,
      फिर से दिनकर निकलेगा।

      शुक्रिया सराहने के लिए और आपके शब्द मोती से, मेरी कविता की शोभा बढ़ाने के लिए 😊😊🙏

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