अश्क आंखों के अश्क,कीमती होते हैं।तुम्हारी कद्र न करने वालों पर,इन्हें ज़ाया मत करो। Share this:Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window)Like this:Like Loading... Related 5 thoughts on “अश्क” Add yours बहुत खूब। मगर ताज्जुब है जो प्रेम का कद्र नही करते हैं, ये अश्क भी अक्सर उनके लिए ही छलकते हैं, Loading... Reply बहुत खूब। मगर ताज्जुब है जो प्रेम का कद्र नही करते हैं, ये अश्क भी अक्सर उनके लिए ही छलकते हैं। Loading... Reply सचमुच, बड़ी ताज्जुब की ही बात है। Loading... Reply यकीनन बहुत कीमती होते हैं!!! Loading... Reply Pingback: मेरे विचारों की माला – Harina's Blog Leave a Reply Cancel reply
बहुत खूब। मगर ताज्जुब है जो प्रेम का कद्र नही करते हैं, ये अश्क भी अक्सर उनके लिए ही छलकते हैं, Loading... Reply
बहुत खूब। मगर ताज्जुब है जो प्रेम का कद्र नही करते हैं, ये अश्क भी अक्सर उनके लिए ही छलकते हैं। Loading... Reply
बहुत खूब।
मगर
ताज्जुब है जो प्रेम का कद्र नही करते हैं,
ये अश्क भी अक्सर उनके लिए ही छलकते हैं,
बहुत खूब।
मगर
ताज्जुब है जो प्रेम का कद्र नही करते हैं,
ये अश्क भी अक्सर उनके लिए ही छलकते हैं।
सचमुच, बड़ी ताज्जुब की ही बात है।
यकीनन बहुत कीमती होते हैं!!!