मुझे इंतज़ार है

जो खोया है तुने, कुछ तुझ में,
वो ढूंढने के लिए तुझे,
है अभिलाषा एकांत की।

तेरी खोई हुई धुन पा ले,
मैं दूंगी तुझे एकांत।

मैं नहीं हूं स्वार्थी,
कि मेरी धुन में तुझे बांध लू।

मैं सारेगम अपना बनाउंगी,
तू पधनीसा अपना बना ले।

हम दोनों फिर,
अपनी अपनी धुन गुनगुनाएंगे।

हम दोनों फिर,
अपनी जीवन धुन बनाएंगे।

मुझे इंतज़ार है,
तेरी धुन का।

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