घर
क्या होता है ये घर?
घर है सूरज की रौशनी।
जैसे सूरज के बिना हमारी दुनिया नहीं चलती,
वैसे घर के बिना हमारी दुनिया नहीं चलती।
बंजारे से पूछो,
क्या है घर का महत्व?
फूटपाथ पे सोनेवाले गरीब से पूछो,
क्या है घर का महत्व?
घर तो जैसे,
धूप में छांव है।
डूबते को सहारा है।
मा की ममता है।
बड़ी खुशकिस्मत की बात है,
जिनका एक घर है।
चैन से बैठना, चैन से सोना,
चैन से सांस लेना, चैन से जीना।
कहां नसीब होता है ये सब,
घर के बिना?
घर अपनी सुंदर सी अलग दुनिया है।
जैसे हर चीज सजाते है घर में अपने,
वैसे हर सपना सजाते है घर में अपने।
कहां नसीब होता है ये सब,
घर के बिना?
bahut sundar!!!
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Thank you so much for your appreciation 🙏
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