माँ..माँ जो मूल प्रकृति है,माँ जो जगजननी है,माँ जो शक्ति है,माँ जो सर्जन शक्ति है। माँ..जिनकी आराधना का पर्व आया है,पहले तीन दिन माँ काली की आराधना करनी है,दूसरे तीन दिन माँ लक्ष्मी की आराधना करनी है,आख़िरी तीन दिन माँ सरस्वती की आराधना करनी है। नवरात्रि की हार्दिकशुभकामनाएं। अन्य रचनाएं भी पढ़ें: त्रिदेवी की आराधना का पर्व... Continue Reading →
त्रिदेवी की आराधना का पर्व
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। नवरात्रि का पर्व आया है,नवदुर्गा शक्ति का पर्व आया है। भक्ति के रंग में डुबना है,आध्यात्मिक विकास करना है। त्रिदेवी की आराधना में खुद को खो देना है,त्रिदेवी की आराधना से खुद को संवारना है। खुद के दु:खों से उपर उठना है,खुद में प्रसन्नता को ढूंढना है। काली स्वरूप तमस का प्रतीक... Continue Reading →
देवी मंत्र / MANTRA for GODDESS (Reblog with a slight modification)
ॐ आनंदमयी चैतन्यमयी सत्यमयी परमे।अर्थात्:हे माँ, तुम आनंद का स्रोत हो, तुम चेतना का स्रोत हो,और तुम सत्य का स्रोत हो, तुम ही सर्वोच्च हो। सच्चिदानंद, यह संस्कृत शब्द का भी ध्यान किया जाता है, सच्चिदानंद का अर्थ “सत”, “चित”, “आनंद” होता है। सत का अर्थ सत्य, अस्तित्व होता है।चित का अर्थ चेतना होता है।आनंद... Continue Reading →