किसी के मन के भाव जानने है,
तो हर बार शब्दों की ही ज़रूरत नहीं पड़ती।
किसी को समझने के लिए, इच्छा होनी चाहिए,
किसी को परखने के लिए, नज़र होनी चाहिए।
तो किसी के मन के भाव,
दिल से भी पढ़ें जा सकते है।
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