#मन के भाव #विचारो की माला

किसी के मन के भाव जानने है,
तो हर बार शब्दों की ही ज़रूरत नहीं पड़ती।

किसी को समझने के लिए, इच्छा होनी चाहिए,
किसी को परखने के लिए, नज़र होनी चाहिए।

तो किसी के मन के भाव,
दिल से भी पढ़ें जा सकते है।

विचारो की माला के अन्य ब्लॉग:

विचारो की माला- गिरने का डर (सवाल-जवाब के रूप में)

सपने से अर्थ पाने का सफर

विचारों की माला- (हास्य रस) (शरारत भरे अंदाज़) खतरों के खिलाड़ी

खामोशी के कुछ पहलू

संतुलन

Leave a Reply

Up ↑

%d bloggers like this: