मिलन की प्यास

प्यार के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।

दो दिलों के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।

मिलन हो,
तो जैसे मंज़िल पाएं।

मिलन हो,
तो जैसे नया मंज़र पाएं।

जो हम मिल जाएं,
तो हम खिल जाएं।

जो हम मिल जाएं,
तो नया जहां बसाएं।

अब बर्दाश्त नहीं दूरी,
जब प्यास बढ़ी मिलन की।

प्यार के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।

दो दिलों के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।

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