प्यार के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।
दो दिलों के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।
मिलन हो,
तो जैसे मंज़िल पाएं।
मिलन हो,
तो जैसे नया मंज़र पाएं।
जो हम मिल जाएं,
तो हम खिल जाएं।
जो हम मिल जाएं,
तो नया जहां बसाएं।
अब बर्दाश्त नहीं दूरी,
जब प्यास बढ़ी मिलन की।
प्यार के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।
दो दिलों के मिलन की राह में,
तकती है ये आंखें।
12 responses to “मिलन की प्यास”
बहुत अच्छा लिखते हैं आप, लिखते रहिए और dhunwadhaar
Very nice
Thank you so much for appreciation!😊
बहुत अच्छा लिखते हैं आप, लिखते रहिए और धुँवाधार लिखते रहिए ❤
सराहना करने के लिए, आप का खूब खूब धन्यवाद 😊😊
स्वागत ❤🙏
Very lovely
Thank you 🙂
You have nailed it.
Thank you 😊
Cool.
😊