अब परवाह नहीं है
कि लोग क्या कहेंगे।
पहले तो मन पर
हावी हो जाती थी
लोगों की बातें।
अब मैंने मन को
मज़बूत कर लिया।
जब पता चला
कि लोगों की तो
दोहरी मानसिकता है।
ज़मीर ही नहीं है लोगों का
जैसे हवा का रुख़ बदलता है
वैसे ही लोगों के मत बदलते हैं।
इसलिए अब परवाह नहीं है
कि लोग क्या कहेंगे।
सुंदर पंक्तियां👌
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खूब खूब आभार ☺️
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90% log gadhe Hain
Ignore them
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सही बात 😀😀
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बिल्कुल सही कहा।👌👌
परवाह करते करते उम्र गुजर जाएगी,
शिकायतें तब भी रह जायेगी।
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हा.. सचमुच! जितना भी करेंगे, वो दूसरों को कम ही लगेगा।
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Yes this is true because we attached with some things or someone’s but it hurts because the nature of human beings is free from affection.
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True!
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