वो हमे बता रहे हैकि उन्होने ये किया,उन्होने वो कियाऔर हमे पूछ रहे हैकि तुम ने क्या किया?कुछ भी तो नहीं किया। तो हमने भी जवाब दिया।हमने जो भी किया है,उसका आपकी तरह,ढिंढोरा नहीं पीटा है।आपकी तरह हमे,प्रसिद्धी पाने की चाहत नहीं है। जो भी किया है,जिसके लिए किया है,वो सब जानता हैऔर यही काफी... Continue Reading →
मन
जिसने अपने मन को जीत लिया है, उसे कोई भी हरा नहीं सकता। इसलिए तो कहा जाता है कि "जिसने मन जीता, उसने जग जीता"। कोई भी व्यकित के, बुरे मनसूबे उस व्यकित पर काम नहीं करते, जिसका मन काबू में हो। जो खुद के मन का मालिक है, उसे कोई भी फर्क नहीं पड़ता... Continue Reading →
सवेरा तब होगा
सवेरा तो रोज़ होता है,पर हमारा सवेरा तब होता है,जब हमारे दुर्गुणों का सूरज डूबता हैऔर सद्गुणों का सूरज उगता है। जब हम दूसरों की भावनाओं काफायदा उठाना बंद करेंगे,तब हमारा सवेरा होगा। जब हम दूसरों की भावनाओं का सम्मान करेंगे,तब हमारा सवेरा होगा। जब तक दुर्गुणों की शरण होगी,तब तक अंधेरे की शरण होगी।जब... Continue Reading →
सकारात्मक सोच की शक्ति
जब कुछ भी हमारे हाथ में न हो,सब कुछ गवा चुके हो। तब डर ने से कुछ नहीं बदलेगा।तब सकारात्मक सोच ही रखना। क्योंकि डर नकारात्मक ऊर्जा को खींचता है,निराशा में डूबना भी नकारात्मक ऊर्जा को खींचता है,और सकारात्मक सोच सकारात्मक उर्जा को खींचती है। तो जब हालात बेकाबू हो जाए, तब भी सोच सकारात्मक... Continue Reading →
आशा की शक्ति
जब हम चारों और से मुश्किलों से घिरे हुए होते हैं तब आशा, सूरज की एक किरण की तरह कार्य करती है, हमें रौशनी तक ले ही जाती है। दिये की लौ, तब ही ज्यादा फड़फड़ाती है,जब दिया बुझने वाला होता है और जैसे सवेरा होने से पहले घनघोर अंधेरा रात का होता है, वैसे... Continue Reading →
हुनर पा लिया
हैरानी से पूछा करते हैं कुछ लोग मुझे,तुम हमेशा मुस्कान लिए ही फिरते रहते हो,उदास नहीं होते क्या कभी?तो मैंने मुस्कुराते हुए ही बोला। हूजूर उदास तो हम भी होते है।ज़माने ने हमें भी रुलाया है।पर हमने रोता हुआ दिलऔर होठो पर मुस्कान,ये दोनों एक साथ पेश करने का,हुनर पा लिया। सब तो मुस्कान ही... Continue Reading →
मेरा नया आशियाना
दिल,मेरा नया आशियाना!जिसमें मैं रहने लगी हूँ। पहले दिल से बहुत दूर थी,जब अपने ही जज़्बात में उलझ गई थी।अब जाकर दिल सुलझा पाया सब उलझन। दिल से जुड़ने से, खुद से जुड़ी मैं।दिल अब कुछ हांसिल करना नहीं चाहता।दिल तो बस जीना चाहता है,मेरे अपनों के साथ।
देवी मंत्र (ध्यान के लिए)/Goddess Mantra (For Meditation)
ॐ आनंदमयी चैतन्यमयी सत्यमयी परमे।अर्थात:हे मा, तुम आनंद का स्रोत हो, तुम चेतना का स्रोत हो,और तुम सत्य का स्रोत हो, तुम ही सर्वोच्च हो।सच्चिदानंद, यह संस्कृत शब्द का भी ध्यान किया जाता है, सच्चिदानंद का अर्थ "सत", "चित", "आनंद" होता है। सत का अर्थ सत्य, अस्तित्व होता है।चित का अर्थ चेतना होता है।आनंद मतलब... Continue Reading →
तराजू (Scales)
जीवन के तराजू में खुशी और गम, दोनो का पलड़ा, कोई एक तरफ ही नही जूकेगा, संतुलन बना ही रहेगा। आप पर खुशीयों की बारिश हो रही हो,तो भी अपने पैर जमी पर ही रखना। आप पर गम की बारिश हो रही हो,तो भी अपने दिल को तूटने मत देना। जीवन का सही मायने में... Continue Reading →