1)
डर ने लगी हूं,
उन लोगों से,
अब मैं,
जो कहते हैं,
मुझ पर विश्वास रखो
क्योंकि अब तक,
जो भी मिलें,
दिल तोड़ने में माहिर लोग ही मिलें।
2)
मेरे मौन को मेरी कमज़ोरी मत समझ।
मेरा मौन इतना शक्तिशाली है
कि तेरी ज़िंदगी का रुख़ बदल देने का दम रखता है।
3)
जब से ज़रुरतें बढ़ने लगी है,
तब से मन की शांति कम होने लगी है।
जो अल्फाजों में बंध जाये, तो वो अहसास ही कैसे हैं🌹
वो तो बेनाम से झोंके है, जो फिजा में छूके निकलते है🌹
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वाह वाह!
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