प्रेम

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प्रेम अगर दवा है तो मर्ज भी है।
प्रेम अगर सुकून है तो बैचेनी भी है।
प्रेम अगर खुशी है तो दर्द भी है।
प्रेम अगर मजा है तो सजा भी है।
प्रेम अगर अमृत है तो विष भी है।

प्रेम हमारे जीवन में कई रूप लेकर आता है,
न जाने किसको, किस रूप में मिल जाए।
जीवन के हर मोड़ पर कुछ नया लेकर आता है।

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