હાઈકુ કાવ્ય રચના

1)દુર્વ્યવહારક્રોધના બહાનામાંકરવો નહીં. નમ્ર રહીએ,વિવેકથી રહીએ;એ જ શોભે છે. 2)અધીરતા જકાર્ય ને બગાડે છે,ધૈર્ય રાખવું.

गुरु के लिए नया नज़रिया दर्शाती हुई कविता! (दूसरा भाग)

गुरु का महत्व- संस्कृत श्लोक (पहला भाग) भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरु (तीसरा भाग) ગુરુ એ જ આધાર प्रेरकः सूचकश्वैव वाचको दर्शकस्तथा । शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरवः स्मृताः ॥भावार्थ :प्रेरणा देनेवाले, सूचन देनेवाले, (सच) बतानेवाले, (रास्ता) दिखानेवाले, शिक्षा देनेवाले, और बोध करानेवाले – ये सब गुरु समान है । मैंने इस स्तोत्र से प्रेरणा लेकर एक रचना लिखी... Continue Reading →

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