रामनवमी की शुभकामनाएं #लघुकाव्य

रमन्ते योगिन: अस्मिन सा रामं उच्यते।अर्थात्योगी ध्यान में जिस शून्य में रमते है उसे राम कहते है। राम का नाम जपते है,सब कार्य करते है। राम का नाम रटते रहना है,खुद की चेतना में खोये रहना है। स्मरण भक्ति सेखुद को निखारना है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण केद्वार को खोलना है। सभी को रामनवमी की शुभकामनाएं।

द्बादशनाम स्तोत्र (संकटमोचनी स्तुति) (हनुमानजी की बहुत छोटी स्तुति)

हनुमानंजनीसूनुवायुपुत्रो महाबल:।रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोडमित विक्रम:।।१।। उदधिक्रमणश्चैव सीता शोक विनाशन:।लक्ष्मण प्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।२।। एवं द्वादशनामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।३।। तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।राजद्बारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।४।। भावार्थ:- १ और २ का भावार्थ: हनुमानजी के १२ नामो का वर्णन किया है। मैंने हनुमानजी के १२ नामो का... Continue Reading →

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