हम जीवन तो जीते है,पर क्या खुलकर जीते है? खुलकर जीना मतलबजीवन को निभा लेना।कोसे बिन जी लेना। कोसते कोसते और रोते रोते जीना नहीं है।पर हंसते-हंसते और जीगर से जीना है। खुलकर जीना मतलबमुश्किलों का सामना करना है,मुश्किलों से डरना नहीं है। खुलकर जीना मतलबहर हालात को स्वीकार करना है,हर हालात से अनुभव पाना... Continue Reading →