परिवार की रौनक़

आँख लग गई मेरी निंदिया में, नींद दे गई निंदिया रानी, और दे गई एक प्यारा सपना। सपने में देखा मैंने, एक खुशहाल ज़िंदगी है, हंसता खेलता एक परिवार है, प्यार सम्मान के तोहफें हैं, विश्वास की एक डोर है। फिर अचानक आवाज़ आई कुछ, और उड गई नींद, तूट गया सपना और दिखाई पडी हक़ीक़त!... Continue Reading →

मेरी पहली किताब

मैं आप सभी के साथ मेरा पहला कविता संग्रह "जीवन के शब्द" के बारे में साझा करना चाहती हूँ। मैंने इस कविता संग्रह में ज़िंदगी के विभिन्न पहलुओं को सुंदर शब्दों में पिरोया है। रोज़-बरोज की ज़िंदगी में जो मुश्किलें आती हैं रिश्तों में, सपनों को पाने के लिए, हमारे कार्य क्षेत्र में, उनका समाधान... Continue Reading →

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