तेरा साथ ही काफी है। जब किसी हालात से टूट जाती हूं मैं,तब तुझ में सिमट जाती हूं मैं। तुझ में ही बिखरकर,टूट जाती हूं मैं। फिर तेरा मुझे सकारात्मकता से रूबरू करवाना,फिर तेरा मुझे भरोसा दिलाना। मुझसे ज्यादा तेरा मुझ में विश्वास करना,मुझे फिर से जोड़ देता है। तेरे साथ से ही नये मायने... Continue Reading →