सर्वोत्तम ध्यान

ध्यान लगाना ही है,तो परमात्मा पर लगाए। किस रिश्ते से क्या नहीं मिला,उस पर ध्यान न लगाए। परमात्मा ने हमे बहुत कुछ दिया,उस पर ध्यान लगाए। जो भी मिला है, उसके लिए कृतज्ञ रहे,खूबसूरत लम्हों पर ध्यान लगाए। जो नहीं मिला है, उस पर ध्यान लगाकर,क्यों लम्हों को बदसूरत करना? ध्यान लगाना ही है,तो परमात्मा... Continue Reading →

उपनिषद वचन

“अन्नं ब्रह्म।” यह वचन उपनिषद में है, जिसका सीधा सीधा शाब्दिक अनुवाद करें तो एसा होगा कि भोजन ब्रह्म है। [अंग्रेजी में फुड इज गोड( Food is God)] पर इतने महत वचनों के सीधे सीधे शाब्दिक अनुवाद नहीं होते, एसे वचनों को समझना पड़ता है, गहराई के भाव को जानना पड़ता है। “अन्नं ब्रह्म” का... Continue Reading →

उपनिषद वचन

"अन्नं ब्रह्म।" यह वचन उपनिषद में है, जिसका सीधा सीधा शाब्दिक अनुवाद करें तो एसा होगा कि भोजन ब्रह्म है। [अंग्रेजी में फुड इज गोड( Food is God)] पर इतने महत वचनों के सीधे सीधे शाब्दिक अनुवाद नहीं होते, एसे वचनों को समझना पड़ता है, गहराई के भाव को जानना पड़ता है। "अन्नं ब्रह्म" का... Continue Reading →

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