मेरी पहली किताब

मैं आप सभी के साथ मेरा पहला कविता संग्रह "जीवन के शब्द" के बारे में साझा करना चाहती हूँ। मैंने इस कविता संग्रह में ज़िंदगी के विभिन्न पहलुओं को सुंदर शब्दों में पिरोया है। रोज़-बरोज की ज़िंदगी में जो मुश्किलें आती हैं रिश्तों में, सपनों को पाने के लिए, हमारे कार्य क्षेत्र में, उनका समाधान... Continue Reading →

मेरा नया आशियाना

दिल,मेरा नया आशियाना!जिसमें मैं रहने लगी हूँ। पहले दिल से बहुत दूर थी,जब अपने ही जज़्बात में उलझ गई थी।अब जाकर दिल सुलझा पाया सब उलझन। दिल से जुड़ने से, खुद से जुड़ी मैं।दिल अब कुछ हांसिल करना नहीं चाहता।दिल तो बस जीना चाहता है,मेरे अपनों के साथ।

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