#quotes #भक्ति #भक्ति का उद्देश्य

भक्ति का उद्देश्य कामना पूर्ति नहीं है पर कामनाओं का नाश है। कामना पूरी हो तो हम यह करेंगे यह तो व्यापार हो गया, जैसे कि कोई service का charge दे रहे है। भक्ति का मूल उद्देश्य जीवन में शिवत्व की प्राप्ति है, जीव का शिव से मिलन है, आध्यात्मिक प्रगति तभी होती है, जब... Continue Reading →

सर्वोत्तम ध्यान

ध्यान लगाना ही है,तो परमात्मा पर लगाए। किस रिश्ते से क्या नहीं मिला,उस पर ध्यान न लगाए। परमात्मा ने हमे बहुत कुछ दिया,उस पर ध्यान लगाए। जो भी मिला है, उसके लिए कृतज्ञ रहे,खूबसूरत लम्हों पर ध्यान लगाए। जो नहीं मिला है, उस पर ध्यान लगाकर,क्यों लम्हों को बदसूरत करना? ध्यान लगाना ही है,तो परमात्मा... Continue Reading →

भक्ति रस पर कुछ पंक्तियां

हे कान्हा,तेरी भक्ति में ओतप्रोत हो गई हूं। एसा मन होता हैकि मेरे नयनों से,तेरे मनमोहक रूप को निहारती रहूं। एसा मन होता हैकि मेरे कानों से,तेरी बांसुरी की धुन सुनती रहूं। एसा मन होता हैकि मेरी वाणी से,तेरी लीला के बारे में बोलती रहूं। हे मुरलीधर, बस यही प्रार्थना हैकि तेरी भक्ति करने से,... Continue Reading →

शिव षडक्षर स्तोत्र अर्थ सहित (६ अक्षर: ॐ नमः शिवाय)

शिव भगवान का पंचाक्षर मंत्र है:नमः शिवाय।और षडक्षर मंत्र है:ॐ नमः शिवाय। मंत्र के साथ, स्तोत्र भी है। आप पंचाक्षर स्त्रोत भी पढ़ सकते है, लिंक:शिव पंचाक्षर स्तोत्र आज मैं षडक्षर स्तोत्र की जानकारी प्रदान करूंगी। स्तोत्र: ॐ कारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिन:।कामदं मोक्षदं चैव ॐ काराय नमो नमः।।१।। नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणा:।नरा नमंति... Continue Reading →

नवधा भक्ति

सनातन धर्म में भक्ति के ९ प्रकार दिये हैं, जो नवधा भक्ति कही जाती है। पढीए और सोचिए.. आप कौन से प्रकार की भक्ति करते है? १) श्रवण - भगवान की कथा, ग्रंथ, लीला आदि सुनना। २) कीर्तन - भगवान के स्तोत्र, गुणों, भजन का कीर्तन करना। ३) स्मरण - भगवान को स्मरण करना, उनकी... Continue Reading →

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