बदलाव लाना है #नये साल में नया संकल्प

कोई तुम्हे दुर्वचन बोले, तुम भी उसको दुर्वचन बोलो;तो तुम में और उस मेंक्या फ़रक़ रहेगा?कोई तुम्हे भला-बुरा बोले,तो तुम दुखी हो जाओ;तो तुम क्या बदलाव लाओगे?कुछ भी तो नहीं।तो फ़रक़ कब पड़ेगा?तो बदलाव कब होगा?हमे दुर्वचन बोलनेवाले कोजब हम माफ करेंगे,तब फ़रक़ पड़ेगा,तब बदलाव होगा।अपशब्द बोलनेवाले पर गुस्सा न करे,अपशब्द बोलनेवाले पर दया करे।हमे... Continue Reading →

वाणी पर संयम #लघुकाव्य-5

कड़वे बोल न चुने,मीठे बोल चुने।मिठास को बढ़ाए,रिश्तों को निभाए।मन में कड़वाहट न रखें,मन में बड़प्पन रखें।जीवन निखर जाएगा,रिश्ता संवर जाएगा,वाणी पर संयम से। My Book Now Available on Amazon Kindle अन्य ब्लॉग:बारिश की बूंदें શબ્દોની કમાલ / शब्दों की कमाल કવિતા નું સૌંદર્ય/ कविता का सौंदर्य लघुकाव्य-1 રાખ થઈ જાય સંબંધો / राख हो जाए... Continue Reading →

कौन घबराता मुसीबतों से?

कौन घबराता मुसीबतों से?जिसको मेहनत नहीं करनी,मुसीबत को दूर नहीं करनी। दूसरों के भरोसे बैठे रहना है,खुद कुछ भी नहीं करना है। कौन घबराता मुसीबतों से?जिसको खुद पर भरोसा नहीं,कभी खुद में झांका ही नहीं। जो लोग दूसरों पर आश्रित रहते हैं,वो लोग हर मुसीबत से घबरा जाते हैं। खुद में विश्वास रखकर,खुद धैर्य से... Continue Reading →

संघर्ष की तपिश

क्यूं तू संघर्ष से घबराता है?संघर्ष ही तुझे तराशता है। जैसे आत्म मंथन करने से ज्ञान मिलता है,वैसे संघर्ष करने से अनुभव मिलता है। संघर्ष से ठोकरें खाने मिलेंगी,तभी तो जीवन जीने के सही तरीके मिलेंगे। संघर्ष को "सीखने के अंदाज़" से निभाएंगे,तभी तो मन की सच्ची "स्थिरता के अंदाज़" पाएंगे। संघर्ष हर पल सक्रिय... Continue Reading →

निराशा का अंधकार मत चुनो

क्यों सोचते हो, आत्महत्या के बारे में?सोचो अपनों के और चाहनेवालों के बारे में। तुम अकेले नहीं हो,तुम्हारा परिवार और दोस्त भी हैं। जीवन में हर तरह का संघर्ष है,इसलिए हमारे मन में मानसिक शक्ति है,मानसिक शक्ति से संघर्ष को दूर करो। जीवन में हर तरह की तकलीफें है,इसलिए हमारे भीतर हौसला है,हौसले से तकलीफों... Continue Reading →

जीवन में साहित्य की महिमा

कुछ मुश्किल हालातों की धूप में,साहित्य जैसे छाँव की तरह है। कुछ अनुभवों की मानसिक थकावट में,साहित्य जैसे मन में उर्जा का संचार है। कुछ पहलुओं की उलझनों में,साहित्य जैसे सुलझन की तरह है। कुछ संकुचित मानसिकता के विष में,साहित्य जैसे अमृत की तरह है। साहित्य वाचन का बड़ा ही महत्व है, साहित्य से हमें... Continue Reading →

ममता के कई रूप #Happy Women’s Day

स्त्री का हर रूप, ममता की मूरत है,बेटी हो या बहन, पत्नी हो या माँ हो,हर रूप ममता से छलकता है। एक बेटी अपने पिता कीहर छोटी-छोटी बात का ख्याल रखती है,ये ममता का ही रूप है। एक लड़की अपने भाई पर,बेशुमार प्यार लुटाती है,ये ममता का ही रूप है। एक स्त्री अपने परिवार कीपूरे... Continue Reading →

नया नूर आ गया

नया नूर आ गया,चेहरे पर छा गया।जब अपनों से,जो गिले-शिकवे थे,वो दूर कर दिये,तब नया नूर छा गया। कुछ उनकी गलती थी,कुछ मेरी गलती थी,जब वो समझ में आया,तब मन से बोझ चला गया। जब मन दूसरों को माफ करने लगा,तब मन में शांति का निर्झर बहने लगा।दूसरों को वो जैसे है,वैसे ही स्वीकार कर... Continue Reading →

इश्वर याचना

जो तेरा ही है,वो तुझे अर्पण। हे ईश्वर, हे जगत पिताहम तुझे क्या दे सकते हैं? हमारा कुछ भी नहीं,तूने ही सब सर्जन किया है। गर प्रकृति से कुछ अर्पण करें,हमनें कहां प्रकृति को बनाया है?तूने ही ये सब सर्जन किया है। जो तेरा ही है,वो तुझे अर्पण। हम सिर्फ प्रेम-भाव ही दे सकते हैं,हम... Continue Reading →

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