उच्च भावनात्मक बुद्धि (संवेगात्मक बुद्धि) की ओर यात्रा / A journey towards high emotional Intelligence

संवेगात्मक बुद्धि (इमोशनल इंटेलिजेन्स) स्वयं की एवं दूसरों की भावनाओं अथवा संवेगों को समझने, व्यक्त करने और नियंत्रित करने की योग्यता है। क्या हम खूबसूरत यात्रा की ओर कुछ कदम बढ़ा सकते हैं? किसी को नफरत करने के लिए बढ़े कदम, किसी को प्यार करने के लिए बढ़ाए। किसी की ईष्या करने के लिए बढ़े कदम,... Continue Reading →

प्रसिद्धी पाने की चाहत नहीं है

वो हमे बता रहे हैकि उन्होने ये किया,उन्होने वो कियाऔर हमे पूछ रहे हैकि तुम ने क्या किया?कुछ भी तो नहीं किया। तो हमने भी जवाब दिया।हमने जो भी किया है,उसका आपकी तरह,ढिंढोरा नहीं पीटा है।आपकी तरह हमे,प्रसिद्धी पाने की चाहत नहीं है। जो भी किया है,जिसके लिए किया है,वो सब जानता हैऔर यही काफी... Continue Reading →

मन

जिसने अपने मन को जीत लिया है, उसे कोई भी हरा नहीं सकता। इसलिए तो कहा जाता है कि "जिसने मन जीता, उसने जग जीता"। कोई भी व्यकित के, बुरे मनसूबे उस व्यकित पर काम नहीं करते, जिसका मन काबू में हो। जो खुद के मन का मालिक है, उसे कोई भी फर्क नहीं पड़ता... Continue Reading →

सवेरा तब होगा

सवेरा तो रोज़ होता है,पर हमारा सवेरा तब होता है,जब हमारे दुर्गुणों का सूरज डूबता हैऔर सद्गुणों का सूरज उगता है। जब हम दूसरों की भावनाओं काफायदा उठाना बंद करेंगे,तब हमारा सवेरा होगा। जब हम दूसरों की भावनाओं का सम्मान करेंगे,तब हमारा सवेरा होगा। जब तक दुर्गुणों की शरण होगी,तब तक अंधेरे की शरण होगी।जब... Continue Reading →

सकारात्मक सोच की शक्ति

जब कुछ भी हमारे हाथ में न हो,सब कुछ गवा चुके हो। तब डर ने से कुछ नहीं बदलेगा।तब सकारात्मक सोच ही रखना। क्योंकि डर नकारात्मक ऊर्जा को खींचता है,निराशा में डूबना भी नकारात्मक ऊर्जा को खींचता है,और सकारात्मक सोच सकारात्मक उर्जा को खींचती है। तो जब हालात बेकाबू हो जाए, तब भी सोच सकारात्मक... Continue Reading →

आशा की शक्ति

जब हम चारों और से मुश्किलों से घिरे हुए होते हैं तब आशा, सूरज की एक किरण की तरह कार्य करती है, हमें रौशनी तक ले ही जाती है। दिये की लौ, तब ही ज्यादा फड़फड़ाती है,जब दिया बुझने वाला होता है और जैसे सवेरा होने से पहले घनघोर अंधेरा रात का होता है, वैसे... Continue Reading →

हुनर पा लिया

हैरानी से पूछा करते हैं कुछ लोग मुझे,तुम हमेशा मुस्कान लिए ही फिरते रहते हो,उदास नहीं होते क्या कभी?तो मैंने मुस्कुराते हुए ही बोला। हूजूर उदास तो हम भी होते है।ज़माने ने हमें भी रुलाया है।पर हमने रोता हुआ दिलऔर होठो पर मुस्कान,ये दोनों एक साथ पेश करने का,हुनर पा लिया। सब तो मुस्कान ही... Continue Reading →

मेरा नया आशियाना

दिल,मेरा नया आशियाना!जिसमें मैं रहने लगी हूँ। पहले दिल से बहुत दूर थी,जब अपने ही जज़्बात में उलझ गई थी।अब जाकर दिल सुलझा पाया सब उलझन। दिल से जुड़ने से, खुद से जुड़ी मैं।दिल अब कुछ हांसिल करना नहीं चाहता।दिल तो बस जीना चाहता है,मेरे अपनों के साथ।

देवी मंत्र (ध्यान के लिए) / Goddess Mantra (For Meditation)

ॐ आनंदमयी चैतन्यमयी सत्यमयी परमे।अर्थात:हे मा, तुम आनंद का स्रोत हो, तुम चेतना का स्रोत हो,और तुम सत्य का स्रोत हो, तुम ही सर्वोच्च हो। English translation: Om Anandamayi,  Chaitanyamayi, Satyamayi ParameMeaning:Om, she is full of Bliss, she is full of Consciousness, she is full of Truth, she who is supreme. Sachchidananda, this Sanskrit word... Continue Reading →

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