बचपन से ही भाषाओं के प्रति ज़्यादा रुचि थी, किताबें पढ़ना बहुत ही पसंद था, पढ़ते-पढ़ते कब यह रुचि लेखनी में परिवर्तित हो गई, पता ही नहीं चला। काॅलेज से थोड़ा-थोडा़ लिखना शुरू किया था, पर पढ़ाई पर ध्यान देने की वज़ह से, इस शौक पर ज़्यादा समय नहीं दे पाई, पर लिखना बंद नहीं किया था। जब भी कुछ दिल से अभिव्यक्त करना हो, शब्दों से बयां कर देती थी।
पढ़ाई पूरी करके शादी हुई, तब मेरे पति ने मेरे लेखन के प्रति उत्साह को देखकर मुझे लेखन में ज़्यादा समय देने की प्रेरणा दी। 2017 में ब्लॉग शुरू किया और लेखन की यात्रा एसी शुरू हुई कि कभी रुकी ही नहीं।
मुझे ब्लॉग से ही लेखन में उड़ान मिली। इतने सालों में लेखनी में बहुत कुछ सीखा। मेरी लेखनी मेरी धुन है। लेखनी में खोकर ही मैंने खुद को पाया है। मुझे लेखन के शौक से ही जीवन को कलात्मक ढंग से जीने की दिशा मिली। मैं उस परमात्मा से कृतज्ञता प्रकट करना चाहूंगी जिन्होंने मुझे लेखन की प्रतिभा उपहार में दी है।
मैंने ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (HR) में डिग्री प्राप्त की है और लाॅ (Law) में भी दिलचस्पी है। लेखनी के साथ-साथ इस क्षेत्र में कार्य करना बहुत पसंद है।
मेरे ब्लॉग पर पढ़ने के लिए धन्यवाद। मैंने लिखते-लिखते 500 से अधिक कविताएं लिख दी है। मैं हिन्दी, गुजराती, अंग्रेजी और संस्कृत ये सभी भाषाओं में लिखती हूँ।
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