सर्वोत्तम ध्यान

ध्यान लगाना ही है,
तो परमात्मा पर लगाए।

किस रिश्ते से क्या नहीं मिला,
उस पर ध्यान न लगाए।

परमात्मा ने हमे बहुत कुछ दिया,
उस पर ध्यान लगाए।

जो भी मिला है, उसके लिए कृतज्ञ रहे,
खूबसूरत लम्हों पर ध्यान लगाए।

जो नहीं मिला है, उस पर ध्यान लगाकर,
क्यों लम्हों को बदसूरत करना?

ध्यान लगाना ही है,
तो परमात्मा पर लगाए।

परमात्मा की प्रीति में खोये रहे,
परमात्मा की सृष्टि के नज़ारे देखे।

परमात्मा के ध्यान से और मनन से,
हमारा जीवन सार्थक होगा।

जीवन का उद्धार करने के लिए ध्यान लगाए,
जीवन को बरबाद करने में ध्यान न लगाए।




8 thoughts on “सर्वोत्तम ध्यान

Add yours

  1. सही कहा है, वो कहते हैं ना “सारे रिश्ते है झूठे साँस रूकते ही टूटे बस संग में एक सच्चा नाम मेरे राम का जाए”

Leave a Reply

Up ↑

Discover more from Harina's Blog

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading