“अन्नं ब्रह्म।”
यह वचन उपनिषद में है, जिसका सीधा सीधा शाब्दिक अनुवाद करें तो एसा होगा कि भोजन ब्रह्म है। [अंग्रेजी में फुड इज गोड( Food is God)]
पर इतने महत वचनों के सीधे सीधे शाब्दिक अनुवाद नहीं होते, एसे वचनों को समझना पड़ता है, गहराई के भाव को जानना पड़ता है।
“अन्नं ब्रह्म” का मतलब है कि स्वाद भी लोगे तो परमात्मा का ही लोगे और तो कोई हैं नहीं। परमात्मा से प्रीति का स्वाद ही सबकुछ है।

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Sahii kaha didi “वो कहते है ना, पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भूल जाते है”🌺😊
Haa..sachmuch…esa hota hi he..firtar kab badal jae pata hi nai chalta..!
Sahi baat h😂😂
😀😅