मेरी पहली किताब

मैं आप सभी के साथ मेरा पहला कविता संग्रह “जीवन के शब्द” के बारे में साझा करना चाहती हूँ।

मैंने इस कविता संग्रह में ज़िंदगी के विभिन्न पहलुओं को सुंदर शब्दों में पिरोया है। रोज़-बरोज की ज़िंदगी में जो मुश्किलें आती हैं रिश्तों में, सपनों को पाने के लिए, हमारे कार्य क्षेत्र में, उनका समाधान देने की कोशिश की है। जीवन में मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास कैसे कर सके, उस पर आपको कविताएं पढ़ने को मिलेगीं। कविता संग्रह में आपको इन सभी पहलुओं की झलक पढ़ने को मिलेगी:
खुद में मगन होकर जीना, रिश्तों में मिलने वाले दर्द को संभालने की कला, जीने की कला, प्रेम भावना से ओत-प्रोत रचनाएं, रिश्तों में कड़वाहट दूर करने के तरीक़े। पढ़कर बताइयेगा जरुर। आपको यह कविता संग्रह कितनी प्रेरणा दे पाया।

बचपन से ही भाषाओं के प्रति ज़्यादा रुचि थी, किताबें पढ़ना बहुत ही पसंद था, पढ़ते-पढ़ते कब यह रुचि लेखनी में परिवर्तित हो गई, पता ही नहीं चला। काॅलेज से थोड़ा-थोडा़ लिखना शुरू किया था, पर पढ़ाई पर ध्यान देने की वज़ह से, इस शौक पर ज़्यादा समय नहीं दे पाई, पर लिखना बंद नहीं किया था। जब भी कुछ दिल से अभिव्यक्त करना हो, शब्दों से बयां कर देती थी। पढ़ाई पूरी करके शादी हुई, तब मेरे पति ने मेरे लेखन के प्रति उत्साह को देखकर मुझे लेखन में ज़्यादा समय देने की प्रेरणा दी। 2017 में ब्लॉग शुरू किया और लेखन की यात्रा एसी शुरू हुई कि कभी रुकी ही नहीं।
मैंने लिखते-लिखते 500 से अधिक कविताएं लिख दी है। मैं हिन्दी, गुजराती, अंग्रेजी और संस्कृत ये सभी भाषाओं में लिखती हूँ। मुझे ब्लॉग से ही लेखन में उड़ान मिली। इन तीन सालों में लेखनी में बहुत कुछ सीखा। मेरी लेखनी मेरी धुन है। लेखनी में खोकर ही मैंने खुद को पाया है।

मैं इश्वर को प्रणाम करना चाहूंगी, जिसकी कृपा से ही सब संभव है, सूर्य देवता और बाला माताजी, जिनको मैं माता-पिता मानती हूं, मेरे गुरु दत्तात्रेय जी को कोटि कोटि वंदन करना चाहूंगी। मैं धन्यवाद करना चाहूंगी, मेरे माता-पिता का, जिनके आशीर्वाद सदा मुझ पर है। मेरे पति का भी दिल से धन्यवाद करना चाहूंगी, जिन्होंने मुझे लिखने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है। ब्लोग के माध्यम से, मेरे लेखक मित्रों, पाठक वर्ग का भी धन्यवाद करना चाहूंगी, जिनकी वजह से मेरी लेखनी को नयी दिशा मिली। आशीष कुमार (Shanky-salty) का भी बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहूंगी, जिनके सहयोग से ही यह कविता संग्रह के पुस्तक का अस्तित्व संभव हो पाया। मैं राधा अग्रवाल जी का भी धन्यवाद करना चाहूंगी। जिन्होंने मेरी किताब का प्रूफ रीडिंग किया है।

मेरी किताब पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

28 thoughts on “मेरी पहली किताब

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  1. बधाईया जी बधाईया…..मेरी दिदु को ढेर सारी बधाईया। बस यूं ही लिखते रहे और आगे बढ़ते रहे। हमारा साथ हमेसा रहेगा💕😊

    1. तहे दिल से शुक्रिया… भाई का साथ हमेशा रहेगा… यही बात को मेरी खुशी को चार चांद लगा देते है 🤗☺️🌻🌼🌹

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