मेरे विचारों की माला

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6 thoughts on “मेरे विचारों की माला

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  1. कहते उसको धरा दुआ
    कहते कई आशीष यहा
    धन दौलत जहाँ काम नही
    काम वही आती यहा।।

    मिलती सेवा से कहते हैं
    जहाँ कोई ना हो स्वार्थ वहा
    आंखे दिखला देती जग में
    बटता है जब आशीष यहा।।

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