नैवेद्य मंत्र अर्थ सहित (1) (कृष्ण भगवान को भोग लगाने का मंत्र)

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।

अर्थात्

हे गोविन्द, आपका ही सब दिया हुआ है, जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं,
हे परमेश्वर, आपके मुख के सामने जो भी है, उसे प्रसन्नता से ग्रहण करें।

अन्य संस्कृत ब्लॉग:

उपनिषद वचन

#संस्कृत #योग / SANSKRIT QUOTES WITH MEANING (3)

अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य मंत्र (Surya Mantra for Good Health)

आत्मज्ञान का एक विचार/ The idea of ​​Enlightenment

देवी मंत्र (ध्यान के लिए)/Goddess Mantra (For Meditation)

महा मृत्युंजय मंत्र

This image has an empty alt attribute; its file name is harina-book-cover.png
Buy Now: Jivan Ke Shabd
Amazon Link: Jivan Ke Shabd

8 thoughts on “नैवेद्य मंत्र अर्थ सहित (1) (कृष्ण भगवान को भोग लगाने का मंत्र)

Add yours

Leave a Reply

Up ↑

Discover more from Harina's Blog

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading