नया नूर आ गया,
चेहरे पर छा गया।
जब अपनों से,
जो गिले-शिकवे थे,
वो दूर कर दिये,
तब नया नूर छा गया।
कुछ उनकी गलती थी,
कुछ मेरी गलती थी,
जब वो समझ में आया,
तब मन से बोझ चला गया।
जब मन दूसरों को माफ करने लगा,
तब मन में शांति का निर्झर बहने लगा।
दूसरों को वो जैसे है,
वैसे ही स्वीकार कर लिया,
तब नया नूर छा गया।
Yes Harina….that is the power of forgiveness…..very true
Good morning….how r u both?
Many many thanks uncle..We both are fine.. how’s you?