हर दिन एक सा नहीं,
हर दिन की अलग कहानी।
एक दिन प्रसन्नता में बितता है,
तो एक दिन खिन्नता दस्तक दे जाती है।
एक दिन उत्साह में बितता है,
तो एक दिन बोरियत दस्तक दे जाती है।
एक दिन अनुकूलता में बितता है,
तो एक दिन प्रतिकूलता दस्तक दे जाती है।
एक दिन स्पष्ट परिस्थितियों में बितता है,
तो एक दिन भ्रमित परिस्थितियां दस्तक दे जाती है।
जीवन की सुंदरता समानता में नहीं है,
जीवन की सुंदरता भिन्नता में छिपी है।
भिन्नता का रंग ही हमें सीखाता है,
भिन्नता का रंग ही हमें निखारता है।
हर दिन के अलग रंग,
हर दिन के अलग ढंग।
हर दिन एक सा नहीं,
हर दिन की अलग कहानी।
सही बात👌
Thank you for liking poem!😊
😊👍
क्या खूब लिखा आपने जी👌
Thank you so much.. glad that you find it worth!😊😊
You’re most welcome sister 🤗💐
😊🌻🌼
💙😊🌹
Good One Harina!
Thank you so much 😊
Yahi jeevan ki chachhai hai jise aapne bakhubi samajh liya hai,
Aia mere wordpress ke dosto Harina ko Duaain do,
jisne aap ko ye gyaan diya hai!!
My gratitude to you for this wonderful post!
Thanks a ton uncle!😊😊
you deserve it!
शायद यही ज़िंदगी का रंग है
और जीने का सही ढंग है
परिस्थिति कैसी भी हो….हम सदा रहेंगे। इसलिए कभी रोने का नहीं😁😁😁
दिल खुश हो गया दीदी पढ़कर🍭🍬😄😄
हा..सही कहा..रोने की जरूरत ही नहीं है… मुझे बेहद खुशी हुई कि तुम्हे कविता पसंद आई।😊😊🤘🌼
मैम आपने बहुत अच्छा लिखीं👌💐
सराहना के लिए तहेदिल से शुक्रिया 😊😊
सुबह से इन्तजार में थे
न वो आया न पैगाम आया
न सब्र ने घुटने टेके,
न दिल ने आस छोड़ी
न सागर में उफान आया
राह देखते-देखते रात कट गई
चांद से बातें पूरी हुई
रात भर तेरे किस्से तेरी बातें
इत्मिनान से सुनता रहा चांद
जिनको न कभी तुमने सुना
एक चांद का साथ पूरा हुआ
एक चांद का पता नहीं….
वाह! क्या खूब!